डुंडा में आयोजित कृषि औद्योगिक विकास मेले का अंतिम दिन जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण के नाम रही। भरतवाण ने भगवती जागर ‘नारैणी मेरी दुर्गा भवानी’, ‘ऋतु बाड़ी एगी’, ‘हम कुशल छ माजी दगड़ियों दगड़ी’ सहित कई गीतों की मनमोहक प्रस्तुति से सबका मन मोहा। इससे पूर्व मां रेणुका देवी मंदिर परिसर में आयोजित तीन दिवसीय मेले के अंतिम दिन टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यमंत्री दीप्ति रावत, गंगोत्री विधायक गोपाल रावत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ कर सभी लोगों को लोसर पर्व व उत्तरकाशी जिले की 60वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं।
टिहरी सांसद ने कहा कि मेले उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की धरोहर हैं। इसलिए सभी लोगों को इस प्रकार के आयोजनों में शामिल होकर अपनी संस्कृति व परंपराओं का संरक्षण करना चाहिए। गंगोत्री विधायक ने मेला आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए सरकार की तरफ से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि सीएम ने डुंडा स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण करने की घोषणा करके क्षेत्र को एतिहासिक सौगात दी है। इस बीच मेला मंच पर विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण की ओर से प्रस्तुत किए गए जागर, पांडव व अन्य लोक गीत आकर्षण का केंद्र रहे। उनके द्वारा प्रस्तुत भगवती जागर ‘नारैणी मेरी ज्वाला दुर्गा भवानी’, ‘ऋतु बाड़ी एगी’, ‘हम कुशल छं माजी दगड़ियों दगड़ी’, ‘शिवजी कैलाश रंदन’, ‘बांद अमरावती’ आदि गीतों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।